ठेस : सृजनात्मकता एवं जीवटता का जीवंत प्रतिरूप
DOI:
https://doi.org/10.8476/sampreshan.v17i1.51Abstract
फणीश्वरनाथ रेणु एक आंचलिक कथाकार हैं । वे अपनी कहानियों तथा उपन्यासों में क्षेत्र विशेष या आंचलिक घटनाओं को प्रमुखता से उठाते हैं । रेणु जी की गिनती भले ही आंचलिक कथाकारों में की जाये परंतु वे समाज की जिन घटनाओं को लेकर अपनी लेखनी चलाते हैं वह कहीं न कहीं संपूर्ण देश का प्रतिनिधित्व करती है ।
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Published
2016-2024
How to Cite
प्रो० चंद्रकांत सिंह, आशीष कुमार मौर्य. (2024). ठेस : सृजनात्मकता एवं जीवटता का जीवंत प्रतिरूप . Sampreshan, ISSN:2347-2979 UGC CARE Group 1, 17(1), 76–84. https://doi.org/10.8476/sampreshan.v17i1.51
Issue
Section
Articles