उच्च माध्यमिक स्तर पर अध्ययनरत विद्यार्थियों के नैतिकता की स्थिति का अध्ययन

Authors

  • प्रयाग माधव झा 1, डॉ अमित कुमार 2

DOI:

https://doi.org/10.8476/sampreshan.v17i1.288

Abstract

वर्तमान समय में मनुष्य के नैतिकता में बहुत कमी आई है। आज एक मनुष्य में दूसरे मनुष्यों के प्रति, पशु पक्षियों के प्रति एवं प्रकृति के प्रति आत्मीयता बहुत कम दिखाई पड़ती है। ऐसी स्थिति में नैतिक शिक्षा के द्वारा ही नैतिक दायित्व का विकास एवं दूसरों के प्रति न्याय, कर्तव्यनिष्ठा, सदाचार आदि का विकास किया जा सकता है । नैतिकता मनुष्य को श्रेष्ठ बनाने तथा सामाजिक एकीकरण बनाए रखने के लिए भी आवश्यक है । सदाचार विहीन शिक्षा विश्व बंधुत्व को भी बुरी तरह से प्रभावित करती है । जहां सदाचार की अवहेलना होती है वहीं भाषा, प्रांत, जाति, धर्म, खान-पान, रहन-सहन एवं वेश-भूषा जैसे भेदभाव उत्पन्न होते हैं। यह मानव समाज में परस्पर संघर्ष, घृणा एवं ऊॅंच-नीच की भावना को बढ़ावा देती है।

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Published

2016-2024

How to Cite

प्रयाग माधव झा 1, डॉ अमित कुमार 2. (2024). उच्च माध्यमिक स्तर पर अध्ययनरत विद्यार्थियों के नैतिकता की स्थिति का अध्ययन. Sampreshan, ISSN:2347-2979 UGC CARE Group 1, 17(1), 430–434. https://doi.org/10.8476/sampreshan.v17i1.288

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