भारतीय संदर्भ में खुशी पाठ्यचर्या का समालोचनात्मक विश्लेषण
DOI:
https://doi.org/10.8476/sampreshan.v17i1.284Abstract
विगत कुछ वर्षों सेशिक्षा का उद्देश्य केवल आर्थिक रूप में सफल होना मात्र रह गया है। जिसके कारण मानव स्वयं को यंत्रस्वरूप समझने लगेहैंऔर पैसा कमाने के लिए अपनी सुख शांति को भी दाव पर लगा देते हैं फिर भी संतुष्ट नहीं रहते है।इसलिए शिक्षा व्यवस्था में कुछ ऐसे बदलाव किए गए ताकिव्यक्ति में सामाजिक और नैतिक मूल्यों को विकसित किया जासके जिससे वहखुशी और शांति का अनुभव कर सकें। इस बदलाव को मूर्तरूप देने के लिए दिल्ली सरकार नेआनंदमयी पाठ्यक्रम का निर्माण किया जिसे दिल्ली के विद्यालयों में कक्षा एक से लेकर कक्षा आठ तक में क्रियान्वित किया गया। जोकि विविध प्रकार की गतिविधियोंकहानी, माइंडफुलनेस इत्यादि पर आधारित है।प्रस्तुत शोध आलेख में खुशी पाठ्यचर्या का विषय वस्तु विश्लेषण के माध्यम से भारतीय संदर्भ में एक समालोचनात्मक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया गया है।