ज्योतिषशास्त्रे विवाहचिन्तनम्
DOI:
https://doi.org/10.8476/sampreshan.v16i3.282Abstract
भारतीय संस्कृति वैदिक संस्कृति की देन है। वैदिक संस्कृति महर्षियों की अनुपम निधि है। जिसे भारत वर्ष ने आज भी संजोकर रखा है। इस संस्कृति में संस्कारों की मुख्यता आज भी पूर्णतः वैज्ञानिकता से समृद्ध है। संस्कारों में सोलह संस्कार प्रसिद्ध है। सोलह संस्कारों में विवाह संस्कार गृहस्थाश्रमी के लिए महत्वपूर्ण है। संस्कारों के संपादन में मुहूर्त्त की महत्ता आचार्यों ने वर्णित की है। प्रस्तुत प्रबन्ध में विवाह संस्कार हेतु ज्योतिष शास्त्र के अवदान की चर्चा प्रस्तुत की गई है।
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Published
2016-2024
How to Cite
डा.हरिनारायणधर द्विवेदी. (2024). ज्योतिषशास्त्रे विवाहचिन्तनम्. Sampreshan, ISSN:2347-2979 UGC CARE Group 1, 16(3), 66–69. https://doi.org/10.8476/sampreshan.v16i3.282
Issue
Section
Articles