प्रमुख प्राकृतिक आपदाएँ एवं प्रबंधन: बेगूसराय सदर प्रखण्ड के विशेष संदर्भ में
DOI:
https://doi.org/10.8476/sampreshan.v17i1.281Keywords:
प्राकृतिक आपदाएँ, आपदा प्रबंधन, भूकम्प, बाढ़, जल जमाव, तेज आंधी तुफान, गर्म हवा एवं लू, शीत लहर, गरीबी, अशिक्षाAbstract
किसी भी प्रदेश के सम्पोषित विकास (Sustainable Development) के लिए आवश्यक है कि उन प्रदेश के भौगोलिक वातावरण का संपूर्ण ज्ञान हो। इसमें प्रदेश की मिट्टी, जल संरचना, परिवहन के साधन, प्राकृतिक एवं मानवीय संसाधन की उपलब्धता एवं वहाँ आने वाली विभिन्न प्रकार की प्रकृतिक आपदाएँ इत्यादि शामिल है। ये आपदाएँ जन-जीवन को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष दोनों रूपों में प्रभावित करती है। बेगूसराय सदर प्रखण्ड में विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक आपदाएँ घटित होते हैं जिससे जानमाल की बहुत नुकसान होती है। शोध क्षेत्र का जिला बिहार के आद्योगिक नगरी होने के बाबजूद अभी भी यहाँ पर गरीबी व निर्धनता के साथ-साथ अशिक्षा भी पायी जाती है। इस कारण से इस प्रदेश में आने वाले आपदाओं का प्रभाव अधिक पड़ता है। अतः जब तक इन आपदाओं की संपूर्ण जानकारी आम जनमानस को नहीं होगी तब तक इसके प्रभावों को कम नहीं किया जा सकता है। इसलिए यह आवश्यक है कि इसकी संपूर्ण जानकारी सभी लोगें के पास हो यह तभी संभव है जब विद्यालय स्तर के साथ-साथ सामाजिक स्तर पर विभिन्न प्रकार के जागरूकता कार्यक्रमों को चलाया जाना चाहिए।