बदलते परिवेश में नई शिक्षा नीति की आवश्यकता
DOI:
https://doi.org/10.8476/sampreshan.v17i2.242Keywords:
नई शिक्षा नीति, स्वतंत्र भारत में शिक्षा नीति का इतिहास, नई शिक्षा नीति 2020, नई शिक्षा नीति की विशेषताएं, वैश्विक व्यवस्था और नई शिक्षा नीति, नई शिक्षा नीति की आवश्यकताAbstract
वर्तमान में संपूर्ण विश्व में पिछले कुछ वर्षों से संपूर्ण वैश्विक व्यवस्था में भारी परिवर्तन हो रहा है। वैश्विक परिवर्तन के इस दौर को जिन देशों ने या जिन व्यवस्थाओं ने अपने आप को इस परिवर्तन के अनुरूप परिवर्तित किया है, वह देश या व्यवस्थाएं दुनिया में विकास के हर पहलू को अपने पक्ष में कर रही है। परिवर्तन समग्र रूप में होता है सामाजिक राजनीतिक और आर्थिक परिवर्तन। यह तीनों ही पहलू परिवर्तन के संपूर्ण परिवेश को अपने आप में समेटे हुए रहते हैं। समग्र परिवर्तन को जो देश धारण करता है वह विकास के उच्च पायदान पर अपने आप को स्थापित करता है।
वैश्विक परिदृश्य के इस बदलाव में भारत को भी अपने आप को परिवर्तित करना होगा और परिवर्तन का जो आधार है वह है शिक्षा व्यवस्था। पश्चिम या तकनीकी रूप से उन्नत व्यवस्थाओं को हम देखते हैं तो यह पाते हैं तक उन्होंने हमेशा परिवर्तन को स्वीकार किया है और उन्होंने इसकी शुरुआत शिक्षा से की क्योंकि शिक्षा से ही सामाजिक विकास राजनीतिक विकास और आर्थिक विकास होता है। शिक्षा व्यवस्था में नए परिवर्तन को अपनाने से तकनीकी विकास में सहयोग मिलता है और तकनीकी विकास से ही आर्थिक विकास को गति प्राप्त होती है और आर्थिक विकास से सामाजिक विकास और सामाजिक विकास से राजनीतिक विकास स्थापित होता है।
नई शिक्षा नीति या NEP 2020 का क्रियान्वयन वैश्विक परिवर्तन को ध्यान में रखकर किया गया है। नई शिक्षा नीति में छोटे-छोटे पहलुओं को ध्यान में रखकर इसके आधार को तैयार किया गया है। नई शिक्षा नीति में 5+3+3+4 फार्मूले के तहत क्रियान्वयन किया जाना है। यह इसका बेसिक फार्मूला है। उच्च शिक्षा लेवल पर नई शिक्षा नीति में विषयों का आपस में समन्वय इस प्रकार किया गया है, कि साइंस का विद्यार्थी , कला संकाय या कॉमर्स के कोई विषय को ग्रहण कर सकता है। कॉमर्स का विद्यार्थी , साइंस या कला संकाय के किसी विषय को ग्रहण कर सकता है और कला संकाय का कोई विद्यार्थी कॉमर्स या साइंस के किसी विषय को ग्रहण कर सकता है जो उसकी पसंद का है और भविष्य में उसके लिए रोजगार को उपलब्ध करा सकता है।
बदलते परिदृश्य और वैश्विक व्यवस्थाओं को ध्यान में रखकर नई शिक्षा नीति 2020 को क्रियान्वित किया गया है। मध्य प्रदेश भारत का वह दूसरा राज्य है जिसने व्यावहारिक रूप में नई शिक्षा नीति को क्रियान्वित किया है। किसी भी व्यवस्था को जब नए रूप में क्रियान्वयन किया जाता है, तो उसमें बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी, तकनीक की कमी, धन की कमी, मानव संसाधन की कमी, इत्यादि। नई शिक्षा नीति बदलते परिवेश और वैश्विक व्यवस्था को ध्यान में रखकर तैयार की गई और इसकी आवश्यकता है।