भारत में बाढ़ का कहर

Authors

  • सुशीला कुमारी जाँगिड़

DOI:

https://doi.org/10.8476/sampreshan.v17i1.163

Abstract

किसी नदी, झील अथवा अन्य किसी जलाशय में जलस्तर के ऊँचा हो जाने से भूमि का कुछ भाग अस्थायी रूप से जलमग्न हो जाता है, जिसे बाढ़ कहते है। जलस्तर कई कारणों से ऊँचा हो सकता है। जिनमें मूसलाधार वर्षा, बर्फ का बड़े पैमाने पर पिघलना, नदी का अपने तटबन्धों को तोड़ना, सुनामी आदि।
पृथ्वी पर कुल क्षेत्र के 35 प्रतिशत भाग पर बाढ़ के मैदानों का विस्तार है जहाँ पर विश्व की लगभग 16.5 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है।
विध्वन्सक बाढ़ तथा प्राकृतिक पर्यावरण जन धन की हानि के सन्दर्भ में कुख्यात नदियाँ भारत में गंगा व उसकी सहायक नदियाँ, ब्रह्मपुत्र महानदी, गोदावरी, कृष्णा, नर्मदा व ताप्ती। भूगोल का मौसम अत्याधिक परिवर्तनशीलता एवं अनिश्चितता की अवधि भी है। साल दर साल जैसे-जैसे मानसून का मौसम आता है बाढ़ का कहर भी शुरू हो जाता है, जिससे काफी तबाही होती है।

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Published

2016-2024

How to Cite

सुशीला कुमारी जाँगिड़. (2024). भारत में बाढ़ का कहर. Sampreshan, ISSN:2347-2979 UGC CARE Group 1, 17(1), 286–289. https://doi.org/10.8476/sampreshan.v17i1.163

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