मीडिया और महिला सशक्तिकरण

Authors

  • अंकिता द्रिवेदी प्रो. (डॉ.) मनीष कांत जैन

Abstract

वर्तमान दौर सूचना क्रांति का दौर है। इस क्रांति में समाज का कोई वर्ग अछूता नहीं है। समाज के हर वर्ग को मीडिया ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित किया है। इस दौर में सूचनाओं या संदेशों को त्वरित गति से पहुंचाया जा रहा है। इसके लिये मीडिया के अलग-अलग माध्यमों का प्रयोग किया जा रहा है। मीडिया का सफर प्रिंट से शुरू होकर इलेक्ट्रानिक मीडिया एवं सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म तक पहुंच गया है। इस सफर ने देशों की सीमाओं को भी लांघ लिया। पहले प्रिंट मीडिया की अपनी सीमायें होती थी, लेकिन इलेक्ट्रानिक मीडिया और फिर सोशल मीडिया के सफर ने इन सीमाओं को भी तोड़ दिया गया।

मीडिया के बढ़ते प्रचलन से महिलायें भी अछूती नहीं रही है। बढ़ी संख्या में महिलाओं ने मीडिया के क्षेत्र में कदम रखा। कुछ महिलाओं ने मीडिया के बढ़ते क्रेज के कारण तो कई ने स्वरोजगार के साधन के रूप में मीडिया के क्षेत्र को चुना। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है, कि मीडिया का क्षेत्र दुविधा, दुर्गम और 24 घंटे सक्रिय रहने का कार्य है। बाकी सेवाओं या कार्यो से मीडिया का क्षेत्र अलग है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है, कि क्या मीडिया के क्षेत्र में महिलायें सुरक्षित है और मीडिया में कार्य कर रही महिलायें सशक्तिकरण की दिशा में आगे अग्रसर हो पा रही है? प्रस्तुत अध्ययन के दौरान मीडिया के क्षेत्र में कार्य कर रही महिलाओं की सशक्तिकरण की दिशा में योगदान और किये जा रहे प्रयासों का विस्तृत अध्ययन किया गया है।

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Published

2016-2024

How to Cite

अंकिता द्रिवेदी प्रो. (डॉ.) मनीष कांत जैन. (2024). मीडिया और महिला सशक्तिकरण. Sampreshan, ISSN:2347-2979 UGC CARE Group 1, 17(2), 339–347. Retrieved from https://sampreshan.info/index.php/journals/article/view/159

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