मुगल काल में शिक्षाः एक सर्वैक्षण

Authors

  • रविंद्र , डॉ सुमेस्ता श्योराण

Abstract

अकबर ने धार्मिक सहिष्णुता एवं राजनीतिक उदारता के साथ एक कुशल प्रशासन एवं सांस्कृतिक उत्थान के साथ शक्तिशाली मुगल साम्राज्य की स्थापना की।तुलनात्मक दृष्टि से देखे तो मुगल काल विभिन्न स्थापत्य कला, संगीत एवं चित्रकला के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी सल्तनत काल से आगे था । मुगलकालीन शासक शिक्षा के क्षेत्र में रुचिकर कार्य करते थे । उन्होंने शिक्षा के विस्तार के लिए अनेक कार्य भी किया। उन्होंने विद्वानों को न सिर्फ अपने दरबार में सम्मानित स्थान दिया बल्कि उन्हें समय -समय पर आर्थिक सहायता भी प्रदान की। शिक्षा के मुगलकालीन उद्देश्य के बारे में डॉक्टर ए एल श्रीवास्तव ने कहा है कि “मुगल सम्राट शिक्षा पर जो कुछ व्यय करते थे । वह धार्मिक यश प्राप्त करने के लिए करते थे । जनता की भलाई के लिए शिक्षा का प्रसार करना उनका उद्देश्य नहीं था।” 1 मुगलकालीन शिक्षा के निम्न उद्देश्य थे

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Published

2016-2024

How to Cite

रविंद्र , डॉ सुमेस्ता श्योराण. (2024). मुगल काल में शिक्षाः एक सर्वैक्षण. Sampreshan, ISSN:2347-2979 UGC CARE Group 1, 17(2), 309–313. Retrieved from https://sampreshan.info/index.php/journals/article/view/150

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