कानूनी शिक्षा और समाचार पत्र के बीच अंतःसंबंध

Authors

  • पंकज मिश्रा,

Abstract

कानून के संदर्भ में देखा जाये, तो भारत का संविधान सबसे लंबा संविधान है। इस संविधान के जरिये देश में शांति व्यवस्था, नागरिकों को प्रदान किये गये मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों का पालन कराया जाता है। ये सभी कानून समाज को उन व्यक्तियों से भी मदद करते हैं, जो  उन अधिकारों का उल्लंघन  करते हैं। इसी प्रकार से देखा जाये तो भारत में कानून शिक्षा का भी लंबा इतिहास है। अब सवाल यह है, कि क्या कानून की खबरों को समाचार पत्रों में उतना ही महत्व दिया जाता है, जितना अन्य क्षेत्र खासकर राजनैतिक खबरों को महत्व दिया जाता है। समाचार पत्रों की स्थिति को देखें तो पिछले दो दशकों से समाचार पत्रों के कलेवर और तेवर दोनों में परिवर्तन देखा जा सकता है। इसके अलावा तकनीक आधारित परिवर्तन भी समाचार पत्रों में स्पष्ट रूप से परिलक्षित हो रहा है। प्रस्तुत अध्ययन के दौरान समाचार पत्रों में कानूनी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये किये जा रहे प्रयासों को अध्ययन में शामिल किया गया है। इसके अलावा समाचार पत्र किस प्रकार से कानून की जानकारी देकर जनसामान्य को जागरूक कर सकते है, इनको अध्ययन में शामिल किया गया है।

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Published

2016-2024

How to Cite

पंकज मिश्रा,. (2024). कानूनी शिक्षा और समाचार पत्र के बीच अंतःसंबंध. Sampreshan, ISSN:2347-2979 UGC CARE Group 1, 17(2), 298–301. Retrieved from https://sampreshan.info/index.php/journals/article/view/148

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