अपुत्रयी: दो उपन्यास ; सत्यजित रे की तीन फिल्में

Authors

  • डॉ. सूर्यबोस श्रीरागम

DOI:

https://doi.org/10.8476/sampreshan.v17i2.137

Abstract

सत्यजित रे बीसवीं सदी के सर्वोत्तम फिल्म निर्देशकों में एक है ण्कला और साहित्य के लिए मशहूर कोलकत्ता में उनका जन्म हुआ ण्उन्होंने अपना करियर की शुरवात पेशेवर चित्रकार की तरह की ण्उन्होंने सैंतीस फिल्मों का निर्देशन किया यजिनमें फीचर फिल्में एवृत्तचित्र लघु फिल्में आदि भी शामिल है ण्इनका पहला फिल्म पथेर पांचाली को कान फिल्मोत्सव में सर्वोत्त्तम मानवीय प्रलेख पुरस्कार मिला ण्इसको मिलाकर कुल ग्यारह अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिले ण्
बंगला साहित्य और सत्यजित रे की फिल्मों में एक अनोखी तालमेल है ण्बचपन से ही उनकी रूचि फिल्मों की और रही ण्फिल्मों से संबंधित ष्फिल्म गोवर ष्एष्फोटो प्ले ष् आदि पत्रिकाओं को वे उनके शब्दों में कहें तो दृश्निगलते रहते थे श्ण्कालेज के वक्त उनका मन अभिनय से मुड़कर निर्देशन की और हो गया ण्इसके पीछे दो किताबों का प्रभाव दिखाई देता है ण्ये दोनों किताब पुद्वोकिन का लिखा हुआ था

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Published

2016-2024

How to Cite

डॉ. सूर्यबोस श्रीरागम. (2024). अपुत्रयी: दो उपन्यास ; सत्यजित रे की तीन फिल्में . Sampreshan, ISSN:2347-2979 UGC CARE Group 1, 17(2), 233–236. https://doi.org/10.8476/sampreshan.v17i2.137

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