[1]
गौरव गौतम and प्रो. राजेंद्र सिंह, “‘उर्वशी’: प्रेम के आदर्श और यथार्थ के द्वंद्व का काव्य”, sampreshan, vol. 17, no. 2, pp. 1271–1280, Dec. 2024.